बिहार- अब पटना जंक्शन को निजी हाथों में देने की तैयारी, लॉकडाउन में हुए नुकसानों की भरपाई की जाएगी
बिहार- अब पटना जंक्शन को निजी हाथों में देने की तैयारी की जा रही है। देशभर में कोरोना महामारी को लेकर भारतीय रेलवे को काफी नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई करने के लिए एवं अटकी हुई रेलवे की कई परियोजनाओ को पुरा करने के लिए रेलवे को पूंजी की आवश्यकता है।जिसके कारण रेलवे ने आय को बढ़ाने एवं ट्रेनों में आरामदायक सफर का सुविधा प्रदान करने के लिए देश के 25 प्रमुख स्टेशनों को निजी हाथों में सौंपने की योजना बनाई है। जिस लिस्ट में बिहार का पटना जंक्शन भी शामिल है।
देशभर में निजीकरण के पहले चरण में दो बड़े स्टेशनों का निजीकरण किया जा चुका है जिसमें गांधीनगर और हबीबगंज शामिल है। पटना जंक्शन का टेंडर लेने के लिए भी कुछ बड़ी कंपनियां दिलचस्पी दिखा रही है। लेकिन अब तक इसके बारे में स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है। निजीकरण के लिए रेलवे विकास निगम को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।
निजी कंपनियों को कौन-कौन सी जिम्मेदारी दिए जाएंगे
रेलवे का निजीकरण करने के बाद निजी कंपनियों को ट्रेन परिचालन या ट्रेन टिकट बुकिंग की जिम्मेदारी नहीं दिए जाने की बात कही गई है। निजी कंपनियों को सिर्फ स्टेशन की देखरेख और ट्रेनों की साफ सफाई और रखरखाव की जिम्मेदारी दिए जाएंगे। रेलवे स्टेशन के अंदर आने-जाने वाले पैसेंजर्स को प्लेटफॉर्म टिकट बेचने की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
रेलवे स्टेशन के अंतर्गत स्टेशन परिसर की पार्किंग, साफ-सफाई, ट्रेनों में पानी भरने, स्टेशन की बिजली व्यस्था करने, प्लेटफॉर्म व स्टेशन पर विज्ञापन लगाने एवं प्लेटफॉर्म पर फूड स्टॉल लगाने से संबंधित जिम्मेदारी निजी कंपनियों को दिया जाएगा। जिसके बदले में उन्हें एयरपोर्ट के जैसा स्टेशन पर यात्री सुविधाएं उपलब्ध करवानी होगी।
पूर्व-मध्य रेलवे के जीएम ललित चंद्र त्रिवेदी ने कहा है कि देश के कुछ स्टेशनों के विकास के मकसद से इन्हें निजी हाथों में देने की तैयारी की जा रही है। यात्रियों की सुविधाओं देखते हुए कुछ ट्रेनों को भी निजी हाथों में देने का निर्णय किया गया है। उन्होंने कहा है कि पटना जंक्शन के लिए 02-03 बड़े व्यवसायी टेंडर लेने में दिलचस्पी ले रहे हैं। वैसे, अब तक इस संबंध में कोई सूचना जारी नहीं की गई है। जीएम ने कहा है कि पूर्व-मध्य रेलवे के दूसरे स्टेशनों के लिए भी पार्टियां उत्सुक रहेंगी तो उनका भी टेंडर निकाला जा सकता है।