New Income Tax Rules: 20,000 का होटल बिल या 1 लाख से अधिक के ज्वेलरी खरीद की देनी होगी सूचना
New Income Tax Rules: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 अगस्त गुरुवार को ट्रैन्स्पैरन्ट टैक्सैशन प्लेटफार्म की शुरुआत की है। टैक्सैशन का दायरा, फेसलेस असेस्मन्ट तथा रिटर्न दाखिला एवं टैक्स सुधार करने का घोषणा किया गया है। सरलता और पारदर्शिता लाने के लिए तमाम तरह के लेनदेन की थ्रेसहोल्ड (न्यूतम सीमा) घटाने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री के अनुसार ऐसा करने से लक्ष्य टैक्स आधार को बढ़ाया जा सकता है एवं इसकी चोरी टैक्स की चोरी को रोकी जा सकती है। इस नए नियम के बाद यदि आप कोई व्हाइट गुड्स खरीदते हैं या प्रॉपर्टी टैक्स चुकाते हैं या मेडिकल या लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम और होटल बिल का बिल भरते हैं तो बिलर को इसकी सूचना सरकार को देनी पड़ेगी साथ ही आपके ये सारे खर्चे फॉर्म-26AS में नोट किए जाएंगे।
New Income Tax Rules: इसके फायदा क्या होंगे
अमित पटेल ने बताया है कि सरकार ने ब्लैकमनी को बाहर निकालने के लिए इस नए कानून की शुरुआत की है। साथ ही कुछ खास तरह के लेनदेन और खऱीद-बिक्री की सूचना देना जरूरी कर दिया है। आकड़ों आंकड़ों पर ज्यादा निर्भर रह कर जांच के अंतर्गत आने वाले लोगों की संख्या कम करने की कोशिश की प्रयास किया जा रहा है। इस नए नियम के कारण सरकार का मानना है की इससे करदाता को ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ेगा।
अब देखना ये है कि ये प्रावधान लागू कैसे होते है और क्या इससे व्यक्तिगत करदाता का कम्प्लायंस बोझ बढ़ेगा तो नहीं। लेकिन जून 2020 से करदाताओं को इस तरह की कई नोटिस दिया जा चुका है जिसमें कहा गया है कि इस बात की पुष्टि करें कि उन्होंने कुछ खास उच्च मूल्य वाले लेनदेन किए है या नहीं।
वर्तमान समय में सक्रिय नियम क्या है
वर्तमान समय में 30 लाख रुपये से ज्यादा की संपत्ति खऱीद, शेयरों बजार में किया गया 10 लाख रुपये का निवेश, म्यूचुअल फंड, डीमैट, क्रेडिट कार्ड और फिक्स डिपॉजिट के अंतर्गत 10 लाख रुपये से ज्यादा के लेन-देन की सूचना सरकार को देनी पड़ती है।
New Income Tax Rules: इन ट्रांजैक्शनों की जानकारी देनी होगी सरकार को
अब से यदि आप 20 हजार से ज्यादा का इश्योरेंस या होटल बिल पे करते है या फिर जीवन बीमा पर 50,000 रुपये से ज्यादा खर्च करते है तो इसकी जानकारी सरकार को देनी पड़ेगी। कुछ नियमों की घोषणा 1 फरवरी 2020 को पेश बजट में पहले ही कर दी गई थी। परंतु अब इसके औपचारिक कार्यान्वयन की घोषणा की गई है।
अब बैंकों में कैश जमा की लिमिट बचत खातों के लिए 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख और करंट खाता के लिए 50 लाख कर दिया गया है। लेकिन यदि आप 30 लाख रुपये या इससे अधिक का बैंकिंग लेनदेन करते हैं तो आपको टैक्स रिटर्न दाखिल करवाना होगा, चाहे आपके इस लेनदेन की सूचना टैक्स डिपार्ट्मन्ट को भेजी गई हो या ना भेजी गई हो ये मायने नहीं रखता।